💔 मैं सबके लिए हूँ , पर कोई मेरा नहीं होता...
🥀🥀 कभी-कभी लगता है, मैं सबकी जरूरत हूँ, पर किसी की आदत नहीं। जब किसी को मेरी जरूरत होती है, तो मैं हर हाल में उनके साथ होती हूं - बिना सवाल, बिना किसी शर्त।, लेकिन जब मुझे किसी की जरूरत होती है, तो लोग साथ तो होते हैं... मगर साथ होकर भी साथ नहीं होते।,😔 लोगों को अपना छोटा दुःख भी पहाड़ लगता है,, और दूसरों का बड़ा दुःख भी... बस एक बात।, कभी कोई नहीं पूछता - तुम ठीक हो ना ? जैसे मेरा दुःख , मेरी थकान, मेरा अकेलापन - कोई मायने ही नहीं रखता।,🥺 मैं अक्सर मुस्कुराती हूं... क्योंकि मुझे रोते हुए देखना कोई नहीं चाहता।, और जब सच में टूट जाती हूँ, तब यही लोग कहते हैं : तुम तो strong हो, ना!😥 पर मेरा strong होना , मेरी choice नहीं, मजबूरी है... क्योंकि मेरा दर्द सुनने वाला कोई नहीं होता।, मैं सबके लिए हूँ... पर कोई मेरा नहीं होता। शायद इसलिए अब खुद से बातें करना, सबसे सच्चा साथ लगता है।।, 🌼🌿😊 Neha kariyaal..✍️